नब्ज़
ज़िन्दगी थम सी गई है
कि मौत भी अब तो
एक हलचल सी लगती है
छोटी सी हलचल
कि मौत भी अब तो
एक हलचल सी लगती है
छोटी सी हलचल
यूँ लगता है मेरा हर ख्वाब
बिजली की तार सा है
जिसमें ज़िन्दगी भरी हो
रफ़्तार भरी हो
वो बदलाव भरा हो
जिसकी तलाश है मुझे
बिजली की तार सा है
जिसमें ज़िन्दगी भरी हो
रफ़्तार भरी हो
वो बदलाव भरा हो
जिसकी तलाश है मुझे
मगर ये समझ
रोकती है मुझे वो तार छूने से
इसे लगता है ये मौत है
मगर दिन और रात का चक्कर लगाता
ये मुज्जसिमा ज़िंदा कहाँ है
रोकती है मुझे वो तार छूने से
इसे लगता है ये मौत है
मगर दिन और रात का चक्कर लगाता
ये मुज्जसिमा ज़िंदा कहाँ है
नब्ज थम गई है इसकी
दिल बेचैन है उस बिजली के लिए
उस हलचल के लिए
जब हर लम्हा एहसास मेरे
इक बदलाव का जाम पियें
दिल बेचैन है उस बिजली के लिए
उस हलचल के लिए
जब हर लम्हा एहसास मेरे
इक बदलाव का जाम पियें
इक आस है
शायद मेरी नब्ज फिर से चल पड़े
शायद मेरी नब्ज फिर से चल पड़े
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